चीनी उद्योग कृषि आधारित एक महत्वपूर्ण उद्योग है जिससे गांवों में लगभग 50 मिलियन गन्ना किसानों को आजीविका मिलती है और इसमें लगभग 5 लाख कामगारों को चीनी मिलों में सीधे रोजगार मिला हुआ है। इसके साथ ही चीनी उद्योग से जुडे विविध सहायक कार्यों जैसे परिवहन, व्यापार, मशीनरी की सर्विसिंग तथा कृषि आदानों की आपूर्ति से जुड़ी गतिविधियों में भी रोजगार सृजित होते हैं। भारत विश्व में ब्राजील के बाद दूसरा सबसे बड़ा चीनी उत्पादक देश है और चीनी की सबसे अधिक खपत वाला देश भी है। आज भारतीय चीनी उद्योग का वार्षिक उत्पादन लगभग 80,000 करोड़ रूपए मूल्य का है। 31.01.2018 की स्थिति के अनुसार देश में इस समय 735 चीनी मिलें स्थापित हैं जिनकी पेराई क्षमता लगभग 340 लाख टन चीनी उत्पादन की है। इस क्षमता को मोटे तौर पर निजी क्षेत्र की तथा सहकारिता क्षेत्र की यूनिटों में बराबर विभाजित किया गया है।