सरकार केंद्रीय पूल
के
स्टॉक में खाद्यान्नों के भंडारण के लिए देश में भंडारण गोदामों के निर्माण हेतु निम्नलिखित
स्कीम
कार्यान्वित कर रही है।
गोदामों के निर्माण के लिए निजी उद्यमी गारंटी (पीईजी) स्कीम:
देश भर में भंडारण संबंधी बाधाओं को दूर करने और खाद्यान्नों का सुरक्षित भंडारण सुनिश्चित करने के लिए निजी उद्यमियों,
केन्द्रीय केंद्रीय भंडारण निगम (सीडब्ल्यूसी) और राज्य भंडारण निगमों (एसडब्ल्यूसी) के माध्यम से सार्वजनिक-निजी-भागीदारी (पीपीपी) पद्धति से भंडारण गोदामों के निर्माण के लिए निजी उद्यमी गारंटी स्कीम वर्ष 2008 में तैयार की गई थी। इस स्कीम के तहत अपेक्षित
अतिरिक्त भंडारण क्षमता का आकलन खरीद/उपभोग के समग्र पैटर्न तथा पहले से उपलब्ध भंडारण स्थान पर आधरित होता है।
निजी उद्यमी गारंटी (पीईजी) स्कीम के तहत गोदामों के निर्माण के लिए सरकार द्वारा कोई निधि जारी नहीं की गई है तथा सम्पूर्ण निवेश निजी पार्टियों/केन्द्रीय भंडारण निगम/राज्य एजेंसियों द्वारा
अपनी स्वयं की निधियों एवं भूमि की व्यवस्था करके किया गया है। गोदाम के निर्माण व अधिग्रहण के पश्चात, भारतीय खाद्य निगम निजी निवेशकों के मामले में 10 वर्ष तथा केन्द्रीय
भंडारण निगम/राज्य भंडारण निगम/राज्य एजेंसियों के मामले में 9 वर्ष के लिए किराए की गारंटी देता है, चाहे भंडारण में रखी गई खाद्यान्नों की मात्रा कुछ भी हो।
निजी उद्यमी गारंटी स्कीम के तहत स्वीकृत
152.40 लाख टन क्षमता में से दिनांक 30.09.2020 की स्थिति के अनुसार
144.05 लाख टन भंडारण क्षमता का निर्माण कर लिया गया है।
निजी उद्यमी गांरटी स्कीम के तहत निर्माण की गर्इ भंडारण क्षमता का राज्य-वार तथा वर्ष-वार विवरण नीचे दिया गया है: