अंतर्राष्ट्रीय सहयोग
1. प्रस्तावना
अंतर्राष्ट्रीय सहयोग (आईसी) अनुभागविभाग के अधिकारियों/कार्मिकों द्वारा किए जाने वाले विदेश दौरों एवं प्रशिक्षण में भाग लेने से संबंधित मामलों
का समन्वय करता है। यह विदेशी बहुपक्षीय एजेंसियों जैसे -विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी), सार्क खाद्य बैंक, खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ), अंतर्राष्ट्रीय अनाज परिषद (आईजीसी) अंतर्राष्ट्रीय चीनी
संगठन (आईजीसी)के साथ इंटरफेस के रूप में भी कार्य करता है। यह अनुभाग इस विभाग के मामलों के संबंध में विदेशी गणमान्य व्यक्तियों के दौरों के संबंध में समन्वय तथा विभिन्न विदेशी बहुपक्षीय एजेंसियों
द्वारा मांगी गई सूचनाओं का संकलन और संग्रहणभी करता है।
2. बहुपक्षीय संस्थाएं
2.1 सार्क खाद्य बैंक
दिनांक 3-4 अप्रैल, 2007 के दौरान, नई दिल्ली में आयोजित 14वे दक्षेस शिखर सम्मेलन में लिए गए निर्णय के अनुसरण में दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संघ (दक्षेस) देशों के राष्ट्राध्यक्षों ने दक्षेस (सार्क)
खाद्य बैंक की स्थापना संबंधी करार पर हस्ताक्षर किए हैं। यह खाद्य बैंक इस क्षेत्र की आबादी को खाद्य सुरक्षा प्रदान करने के राष्ट्रीय प्रयासों का अनुपूरक होगा। दक्षेस खाद्य बैंक की स्थापना संबंधी करार को दिनांक 17 अप्रैल, 2007 को भारत के राष्ट्रपति
द्वारा मंजूरी दी गई है। इस करार के अनुसार, दक्षेस खाद्य बैंक में खाद्यान्नों का एक रिज़र्व होगा जिसका रखरखाव प्रत्येक सदस्य राष्ट्र द्वारा किया जाएगा जिसमें उस देश के आकलित हिस्से के अनुसार गेहूं या चावल अथवा दोनों होंगे।
इस रिज़र्व में कुल 2,43,000 टन हिस्से में से भारत का प्रारंभिक आकलित हिस्सा 1,53,200 टन था। 4,86,000 टन के कुल आकलित हिस्से में से वर्तमान हिस्सा 3,06,400 टन रखा गया है। रिज़र्व की कुछ मात्रा
भारतीय खाद्य निगम के निर्दिष्ट गोदामों में विभिन्न महत्वपूर्ण स्थलों पर रखी गई हैं। संयुक्त सचिव (आईसी), खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग को भारत के प्रतिनिधि के रूप में दक्षेस खाद्य बैंक बोर्ड के सदस्य के रूप में नामित किया गया है। बोर्ड ने नई दिल्ली
के केन्द्रीय अनाज विश्लेषण प्रयोगशाला (सीजीएएल) को दक्षेस खाद्य बैंक के लिए क्षेत्रीय संदर्भ प्रयोगशाला के रूप में नामित करने संबंधी प्रस्ताव पर विचार किया है और उस पर सहमति व्यक्त की है।
नौवें सार्क खाद्य बैंक बोर्ड (एसएफबी)की बैठक का आयोजन दिनांक 21-22 सितम्बर,
2016 को काठमांडू, नेपाल में किया गया था। सार्क खाद्य बैंक बोर्ड के सदस्य के रूप में विभाग के संयुक्त सचिव (अंतर्राष्ट्रीय सहयोग)
ने इस बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व किया था। इस बैठक में अन्य बातों के साथ-साथ आठवीं सार्क खाद्य बैंक बोर्ड (एसएफबी)की बैठक (माले,
2-3 सितंबर, 2015) में लिए गए निर्णयों के कार्यान्वयन की समीक्षा संबंधी मामलों,
सार्क खाद्य बैंक की स्थापना संबंधी करार में संशोधन संबंधी मामलों, क्षेत्रीय खाद्य सुरक्षा में वृद्धि हेतु अंतर्राष्ट्रीय संगठनों
(एफएओ, आईएफएडी,
डब्ल्यूएफपी आदि) के साथ समन्वय एवं सहयोग संबंधी मामलों पर विचार-विमर्श किया गया था। सार्क कृषि केंद्र द्वारा सार्क खाद्य बैंक सूचना प्रणाली (एसएफबीआईएस) की स्थिति के बारे में एक प्रस्तुतिकरण भी दिया गया था। दसवें सार्क खाद्य बैंक बोर्ड (एसएफबी)की
बैठक दिनांक 3-4 दिसंबर, 2018को
इस्लामाबाद, पाकिस्तान में आयोजित की गई थी।
ग्यारहवें सार्क खाद्य बैंक बोर्ड (एसएफबी)की बैठक
दिनांक 22 जनवरी, 2020 को कोलम्बो,श्रीलंकामें
आयोजित की गई थी।
2.2 खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ)
खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) संयुक्त राष्ट्र संघ तंत्र की सबसे बड़ी विशेषज्ञता प्राप्त एजेंसियों में से एक है जिसकी स्थापना
वर्ष 1945 में कृषि उत्पादकता और ग्रामीण आबादी के जीवन निर्वाह की स्थिति में सुधार करते हुए पोषण तथा जीवन स्तर को उन्नत बनाने के अधिदेश के साथ की गई थी। विश्व खाद्य सुरक्षा समिति (सीएफएस), खाद्य का उत्पादन, खाद्य तक भौतिक और आर्थिक पहुंच सहित विश्व खाद्य
सुरक्षा विषयक नीतियों की समीक्षा और अनुपालन के लिए संयुक्तराष्ट्र संघ तंत्र में एक मंच के रूप में
कार्य करती है। भारत एफएओ और सीएफएस, दोनों का सदस्य है। विश्व खाद्य सुरक्षा समिति (सीएफएस) डब्ल्यूएफएस कार्य-योजना के कार्यान्वयन की प्रगति की निगरानी करती है।
विश्व खाद्य सुरक्षा संबंधी समिति (सीएफएस) के 45वें सत्र का आयोजन 15 से 19 अक्तूबर,
2017 तक रोम,इटली स्थित एफएओ मुख्यालय में किया गया था,जिसमें
श्री कमल दत्ता, संयुक्त सचिव (इंपैक्स एवं आईसी) ने भाग लिया था उक्त सत्र में अन्य बातों के साथ-साथ
निम्नलिखित मुद्दों पर विचार-विमर्श किया गया था:-
(i) विश्व में खाद्य सुरक्षा तथा पोषण की स्थिति 2018
(ii) खाद्य एवं कृषि की स्थिति 2018: पैनल द्वारा विचार-विमर्श
(iii) खाद्य सुरक्षा तथा पोषण संबंधी गंभीर एवं उभरते मुद्दे – कार्यनीतिक
बहु- वार्षिक कार्यक्रम की दिशा में (एमवाईपीओडब्ल्यू) 2020-2023
(iv) सीएफएस वर्क स्ट्रीम अपडेट
क) खाद्य
प्रणाली तथा पोषण संबंधी विचारार्थ विषयों की पुष्टि
ख) सीएफएस तथा 2030 की कार्यसूची: उच्च स्तरीय राजनीतिक मंच के लिए योगदान
(v) भोजन का अधिकार दिशा-निर्देशों के संबंध में विश्व विषयक कार्यक्रम
(vi) 2030 की कार्यसूची के फ्रेमवर्क में वित्त एवं सुधारित खाद्य सुरक्षा
तथा पोषण के लिए मल्टीस्टेकहोल्डर पार्टनरशिप के संबंध में विशेषज्ञों के उच्च स्तरीय पैनल (एचएलपीई) की रिपोर्ट
(vii) सर्वोत्तम पद्धतियां एवं अनुभवों का आदान-प्रदान
2.3 विश्व खाद्य कार्यक्रम
विश्व खाद्य कार्यक्रम उड़ीसा सरकार के साथ मध्याह्न भोजन स्कीम के माध्यम से स्कूली भोजन कोअनेक
सूक्ष्मपोषक तत्वोंसे फोर्टिफाई करके 6-14 वर्ष आयु के 2,00,000
लाख स्कूली बच्चों तक रोजाना पहुंचा रहा है।
केरल में,
विश्व खाद्य कार्यक्रम सरकारी स्कीम के माध्यम से उपलब्ध कराए जाने वाले टेक-होम राशन को फोर्टिफाई करना सुनिश्चितकरके3
वर्ष से कम आयु के बच्चों मेंसूक्ष्मपोषक तत्वों की कमी से होने वाले कुपोषण को कम करने पर ध्यान
केंद्रित कर रहा है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को बच्चों की उन्नतपौषणिक स्थिति,
भोजन खिलाने तथा पकाने की पद्धतियों से संबंधित साधनों के संबंध में प्रशिक्षण प्रदान किया गया है। विश्व खाद्य कार्यक्रम लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली प्रचालनों के एक सिरे से दूसरे सिरे तक कंप्यूटरीकरण के संबंध में खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग की केंद्रीय
परियोजनानिगरानीईकाई के लिए तकनीकी सहायता भी उपलब्ध करा रहा है।
विश्व खाद्य कार्यक्रमका
कंट्री स्ट्रेटेजिक प्लान(सीएसपी) 2019-23
कंट्री स्ट्रेटेजिक प्लान
(सीएसपी 2019-23) का उद्देश्य भारत को अपने निवेश को पूंजीकृत करते हुए सतत धारणीय विकास लक्ष्य 2,को
प्राप्त करने में सहायता करना है।
कृषि,सहकारिता
एवं किसान कल्याण विभाग ने वर्ष 2019-23 के संबध में भारत सरकार तथा संयुक्त राष्ट्र विश्व खाद्य कार्यक्रम (यूएनडब्ल्यूएफपी) के बीच सहयोग के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए है।
कंट्री स्ट्रेटेजिक प्लान
2019-23 के कार्यनीतिक परिणाम 1,जो
मुख्यत: इस विभाग से संबंधित हैं,निम्नलिखित
को दर्शाते हैं:
कार्यनीतिक परिणाम 1 :भारत
के सर्वाधिक कमजोर लोग पूरे वर्ष अपनी न्यूनतम खाद्य एवं पौषणिक आवश्यकता को पूरा करने में पहले से अधिक सक्षम हुए हैं;
गतिविधि 1 : खाद्य तक
पहुंच को बेहतर बनाने के लिए सरकार के कार्यक्रमों की दक्षता बढ़ाने,डिलिवरी सेवा तथा आपूर्ति श्रृंखला को लक्षित
करने के उद्देश्य सेनीतिगत आदान,पक्षसमर्थन तथा तकनीकी सहायता उपलब्ध कराना।
2.4 जी-20
मामले
जी-20 देशों के कृषि मंत्रियों की जून, 2011 में आयोजित बैठक में विकास,अपनाए
गए मंत्रिस्तरीय घोषणा पत्र में उल्लिखित पहलों पर की गई अनुवर्ती कार्रवाई के पर्यवेक्षण के लिए कृषि और सहकारिता विभाग में सचिव (कृषि सहकारिता एवं किसान कल्याण)
की अध्यक्षता में एक संचालन समिति गठित की गई है। इस समिति में विभिन्न मंत्रालयों के प्रतिनिधि शामिल हैं। खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग को(i)
त्वरित प्रतिक्रिया मंच (रैपिड रिस्पांस फोरम) और(ii)
आपातकालीन मानवीय खाद्यान्न भंडार (इमरजेंसी हयूमेनिटेरियन फूड रिजर्व्स) के लिए नोडल विभाग बनाया गया है। इसके अतिरिक्त, इस विभाग को उचित समझे गए विभिन्न अधिदेशों के कार्यान्वयन के लिए कृषि और सहकारिता
विभाग के नोडल प्राधिकरण के अन्तर्गत कृषि विपणन सूचना प्रणाली (एएमआईएस) के एक सदस्य के रूप में शामिल किया गया है।
2.5 अन्तर्राष्ट्रीय अनाज परिषद (आईजीसी)
भारत अन्तर्राष्ट्रीय अनाज परिषद (आईजीसी) का सदस्य है जिसे पूर्व में वर्ष 1995 तक अन्तर्राष्ट्रीय गेहूं परिषद के रूप में जाना जाता था और यह गेहूं तथा मोटे अनाजों के मामले में सहयोग के लिए निर्यातक तथा
आयातक देशों का एक अन्तर-सरकारी मंच है। यह अनाज व्यापार अभिसमय 1995 का प्रशासन करता है। यह वर्ष 1949 से लंदन में स्थित आईजीसी सचिवालय खाद्य सहायता सम्मेलन के अन्तर्गत स्थापित खाद्य सहायता समिति के लिए भी सेवाएं प्रदान करता है। अन्तर्राष्ट्रीय अनाजकरार
में अनाज व्यापार अभिसमय (जीटीसी) तथा खाद्य सहायता अभिसमय (एफएसी) शामिल है। भारत,अन्तर्राष्ट्रीय
अनाज करार (आईजीए) 1995 तथा इसके अनाज व्यापार अभिसमय (जीटीसी) 1995, जो दिनांक 01 जुलाई, 1995 से प्रभावी हुआ है, का हस्ताक्षरकर्ता देश है। अंतर्राष्ट्रीय अनाज परिषद में दो प्रकार के सदस्य हैं – आयातक सदस्य तथा निर्यातक सदस्य। भारत को जुलाई, 2003 में निर्यातक
सदस्य की श्रेणी में शामिल किया गया था और इसने समय-समय पर आयोजित परिषद की बैठकों/सत्रों में प्रतिनिधित्व किया है। इसके अतिरिक्त, विभाग आईजीसी की अन्य बैठकों, जैसे बाजार स्थिति समिति की बैठकों और कार्यकारी समिति बैठकों में भी भाग लेता है। खाद्य और सार्वजनिक
वितरण विभाग उक्त परिषद को वार्षिक सदस्यता अंशदान का भुगतान करता है।
3. विदेशी दौरे
3.1 मंत्रियों द्वारा किए गए दौरे
स्व. श्री राम विलास पासवान,माननीय
उपभोक्ता मामले,खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री द्वारा वर्ष 2014,
2015, 2016, 2017तथा 2018 किए गए सरकारी दौरे का ब्यौराअनुबंध-1
में दिया गया है।
3.2 अधिकारियों द्वारा किए गए दौरे
विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय बैठकों/सम्मेलनों आदि में भाग लेने के लिए भारत के प्रतिनिधिमंडल के एक भाग के रूप में इस विभाग के अधिकारियों
के सरकारी दौरें दर्शाने वाला विस्तृत विवरण अनुबंध-2
में दिया गया है।
3.3 आगंतुकोंके दौरे
आधार अध्ययन आदान-प्रदान हेतु भारत दौरे पर आए फिलीपींस के 20 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल की एक बैठक सचिव,
खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग के साथ दिनांक 17 जनवरी,2017 को आयोजित की गई थी।
इन्डोनेशिया गणराज्य के वृहद आर्थिक एवं वित्तीय समन्वय,आर्थिक
कार्य समन्वय मंत्रालय के उप मंत्री श्रीइस्कंदर सीमोरंगकीरके
नेतृत्व में आए एक शिष्टमंडल की कार्यकारी बैठक सचिव,
खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग के साथ दिनांक 19 जुलाई, 2017 को आयोजित की गई थी,जिसमें
"देश के लिए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने”पर
विचार-विमर्श किया गया था।
भंडारण से जुड़े मुद्दों और भारत में आधारभूत संरचना से संबंधित मुद्दों पर ऑस्ट्रेलिया के कौन्सेलर फॉर एग्रीकल्चर डॉ. नोरा गालवे ने
खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग के संयुक्त सचिव (इंपैक्स एवं आईसी) श्री कमल दत्ता के साथ दिनांक 18 अप्रैल,
2018 को आयोजित एक बैठक में विचार-विमर्श किया था।
तंजानिया की राष्ट्रीय वित्तीय समावेशन परिषद के अध्यक्ष एवं बैंक ऑफ तंजानिया के गवर्नर प्रो. फ्लोरेन्स लुओगा के नेतृत्व में आए शिष्टमंडल
ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली के एक सिरे से दूसरे सिरे तक कम्प्यूटरीकरण तथा नकद अंतरण स्कीम के सफल कार्यान्वयन के संबंध में भारत के अनुभव का लाभ लेने के लिए श्री रविकांत,
सचिव (खाद्य और सार्वजनिक वितरण) के साथ दिनांक 26 अगस्त, 2019 को एक बैठक की थी।
वियतनाम समाजवादी गणराज्य से आए शिष्टमंडल ने खाद्य आरक्षण के क्षेत्र से जुड़े मामलों में सहयोग में वृद्धि करने और सूचना के आदान-प्रदान
पर विचार-विमर्श करने के लिए खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग के निदेशक (पीडी) श्री डी के गुप्ता के साथ 21 नवंबर,
2019 को एक बैठक की थी।
तत्कालीन उपभोक्ता मामले,खाद्य
और सार्वजनिक वितरण मंत्री स्व. श्री राम विलास पासवान ने ब्राज़ील सरकार की कृषि, पशुधन एवं खाद्य
आपूर्ति मंत्री सुश्री टेरेसा क्रिस्टीना कोरिया द कोस्टा डायस के के नेतृत्व में आए शिष्टमंडल के साथ 23 जनवरी,
2020 को एक बैठक की थी।
4. विदेश में प्रशिक्षण
प्रशिक्षण कार्यक्रम
कार्मिकों के कार्य–निष्पादन में वृद्धि करने और उनकी सुविज्ञता और कौशल के उन्नयन के लिए प्रशिक्षण एक प्रभावी एवं समय सिद्ध साधन है। कार्य के प्रति दृष्टिकोण एवं प्रशासनिक संस्कृति में देखे जाने वाले संगठनात्मक
प्रोत्साहन तथा मनोबल जैसे गुण उनमें विषय से संबंधित, संकेंद्रित एवं प्रभावी प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से प्रविष्ट किए जाते
हैं। कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की घरेलू तथा विदेशी सहायता प्राप्त स्कीमों के अंतर्गत, विदेशों में स्थित विभिन्न संस्थानों/विश्वविद्यालयों
में आयोजित किए जाने वाले प्रशिक्षण कार्यक्रमों में इस विभाग के अधिकारियों को समय-समय पर नामित किया गया है।
विभाग के निम्नलिखित अधिकारियों ने वर्ष 2017-18,2018-19
और 2019-20 के दौरान विदेश में आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रमों में भाग लिया:
श्री टी के मनोज कुमार, संयुक्त सचिव,
खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग – जेएफके स्कूल, हावर्ड विश्वविद्यालय में 30 अप्रैल से 5 मई,
2017 तक "लीडिंग सक्सेसफुल सोशल प्रोग्राम यूजिंग एविडेंस तो असेस इफेकटिवनेस” विषय पर आयोजित अल्पावधिक प्रशिक्षण कार्यक्रम।
श्री प्रशांत त्रिवेदी, संयुक्त सचिव,
खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग – कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, बरक्ले,
यूएसए द्वारा 1 से 12 मई, 2017 तक "एथिक्स एंड गवर्नेंस” विषय पर आयोजित कस्टमाइज्ड प्रशिक्षण कार्यक्रम।
श्रीमती सिमरजीत कौर, निदेशक (एफसीआई),
खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग – सईराक्यूज विश्वविद्यालय द्वारा मध्य अगस्त से मध्य दिसंबर, 2017 तक "सर्टिफिकेट प्रोग्राम इन पब्लिक
एडमिनिस्ट्रेशन” विषय पर आयोजित अल्पावधिक प्रशिक्षण कार्यक्रम।
श्री खामखान पाऊवा गुइते, उप सचिव - कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय,
बरक्ले, यूएसए द्वारा 22.01.2018 से 02.02.2018 तक "एथिक्स एंड गवर्नेंस” विषय पर आयोजित अल्पावधिक प्रशिक्षण कार्यक्रम।
श्रीमती हेमा जायसवाल, उप सचिव (वित्त),
खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग – सिंगापुर में आई एमएफसिंगापुर रिजनल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट द्वारा 21.05.2018 से 01.06.2018 तक "इंक्लूसिव ग्रोथ” विषय पर आयोजित प्रशिक्षण।
श्री दिनेश कुमार गुप्ता, निदेशक (पीडी) – ड्यूक विश्वविद्यालय,
यूएसए द्वारा "टैक्स एनालिसिस एंड रेवेन्यू फोरकास्टिंग” विषय पर आयोजित अल्पावधिक प्रशिक्षण कार्यक्रम।
श्री प्रमोद कुमार तिवारी, संयुक्त सचिव (पीडी) – ऑस्ट्रेलिया न्यूजीलैंड स्कूल
ऑफ गवर्नमेंट (एएनजेडएसओजी),सिडनी,ऑस्ट्रेलिया
द्वारा दिनांक 26 से 31 अगस्त,2018 तक "एडवांस लिडरशीप प्रोग्राम’’विषय
पर आयोजित कस्टमाइज्ड प्रशिक्षण कार्यक्रम।
श्री कमल दत्ता,संयुक्त सचिव – कैंब्रिज विश्वविद्यालय,यू.
के. द्वारा दिनांक 10-14 सितंबर, 2018तक "लिडरशीप एंड स्ट्रैटजिक थिंकिंग’’विषय
पर आयोजित कस्टमाइज्ड प्रशिक्षण कार्यक्रम।
श्रीमती हेमा जायसवाल, निदेशक (वित्त),
खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग – शिकागो विश्वविद्यालय, यू. एस. के शिकागो कैम्पस में 5 से 7 सितंबर,
2019 तक "लीडिंग एविडेंस बेस्ड डीसीजन्स” विषय पर आयोजित अल्पावधिक प्रशिक्षण कार्यक्रम।
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