सिंहावलोकन
इस विभाग का बीपी प्रभाग राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों को लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली तथा अन्यि कल्यारणकारी योजनाओं के अंतर्गत खाद्यान्नों् का आवंटन करता है तथा उनके उठान का रिकार्ड रखता है। बीपी प्रभाग द्वारा चलाई जा रही विभिन्नव स्कींमों का संक्षिप्त ब्यौउरा
निम्नाडनुसार है :
लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (टीपीडीएस) :
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत आवंटन
लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत खाद्यान्नों की प्राप्ति को कानूनी अधिकार बनाने के उद्देश्य से भारत सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम,2013
अधिनियमित किया है,जो 05.07.2013 से प्रभावी हुआ है। यह अधिनियम लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत रियायती खाद्यान्नों के प्राप्ति हेतु ग्रामीण आबादी का 75% और शहरी
आबादी के 50% तक की कवरेज का प्रावधान है,इस प्रकार देश की दो-तिहाई आबादी को कवर करता है। राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों द्वारा पहचान किए गए पात्र व्यक्ति चावल/गेहूं/मोटा
अनाज के लिए 3/2/1 रुपए प्रति किलोग्राम की रियायती दर (सब्सिडि) से 5 किलोग्राम खाद्यान्न प्रति व्यक्ति प्रतिमाह प्राप्त करने के पात्र होते हैं। मौजूदा अंत्योदय अन्न
योजना (एएवाई) परिवार, जो सबसे निर्धन हैं, 35 किलोग्राम प्रति परिवार प्रतिमाह
खाद्यान्न प्राप्त करेंगे। दिनांक 01 नवंबर, 2016 की स्थिति के अनुसार सभी 36 राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों में एनएफएसए कार्यान्वित किया गया है तथा एनएफएसए के अंतर्गत उनकी
हकदारी के अनुसार उन्हें खाद्यान्नों का मासिक आवंटन प्राप्त हो रहा है।
अन्य कल्याणकारी योजनाए (ओडबल्यूएस)
अन्य कल्याणकारी योजनाओंके अंतर्गत खाद्यान्नों का आवंटन :
1 मिड-डे मिल स्कीम:
मिड-डे-मिल स्कीम को मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित किया जाता है । मिड-डे-मिल स्कीम के अंतर्गतखाद्यऔर
सार्वजनिक वितरण विभाग द्वारा मानव संसाधन विकास मंत्रालय को संपूर्ण देश हेतुखाद्यान्न आवंटन किया जाता है। राज्य-वार उप-आवंटनमानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा किया
जाता है। 1 अप्रैल 2016 से इस योजना के लिए केंद्रीय निर्गम मूल्य (सीआईपी) एनएफएसए दरों पर क्रमश: 3,2,1 रुपये प्रति किलोग्राम चावल,
गेहूं और मोटे अनाज के लिए है। इस योजना में सरकारी स्कूलों, सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों और स्थानीय निकायों द्वारा संचालित स्कूलों के कक्षा
1 से 8 तक के विद्यार्थी शामिल हैं।
2 गेहूं आधारित पोषण कार्यक्रम
इस स्कीम को महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित किया जाता है। गेहूं आधारित पोषण कार्यक्रमयोजनाके
अंतर्गत खाद्यऔर सार्वजनिक वितरण विभाग द्वारा महिला एवं बाल विकास मंत्रालय को संपूर्ण देश हेतुखाद्यान्न
आवंटन किया जाता है। । राज्य-वार उप-आवंटन महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा किया जाता है। 1 अप्रैल 2016 से इस योजना के लिए केंद्रीय निर्गम मूल्य (सीआईपी) एनएफएसए दरों पर क्रमश: 3,2,1
रुपये प्रति किलोग्राम चावल, गेहूं और मोटे अनाज के लिए है। इस योजना के अंतर्गत 0 से 6 साल तक के आयु वर्ग के बच्चों औरगर्भवती/स्तनपान
कराने वाली माताओं को पौष्टिक/ऊर्जायुक्त भोजन प्रदान करने का प्रावधान है। इस योजना के तहत आवंटित किए गएखाद्यान्न काउपयोग राज्यों/संघ शासित प्रदेशों द्वारा सर्वनिहित (Umbrella)
एकीकृत बाल विकास सेवा योजना के तहत किया जाता है।
3 कल्याणकारी संस्थाएं और छात्रावास स्कीम:
खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग कल्याणकारी संस्थाएं और छात्रावास योजना का संचालन करता है। इस योजना को 1 सितंबर,2017
से दो योजनाओं अर्थात कल्याणकारी संस्थान योजना और अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/ओबीसी छात्रावास योजना को मिलाकर एक योजना के रूप में शुरू किया गया था। कल्याणकारी संस्थानजैसे भिक्षु गृहों, नारी-निकेतनोंतथा
ऐसे अन्यकल्याणकारी संस्थान,जो टीपीडीएस या अन्यकल्याणकारी
स्कीमों के दायरे में नहीं आतेऔर जिन होस्टलों केनिवासी छात्रों में से दो-तिहाई छात्रएससी/एसटी/अन्य पिछड़ा वर्गके
हैं उनकी खाद्यान्न संबंधीआवश्यकताओं कोपूरा करने के लिए,
खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग द्वारा राज्यों/संघ राज्यों क्षेत्रो को उनसे प्राप्त अनुरोध के आधार पर बीपीएल कीमतों परखाद्यान्न आवंटित किया जाता है।
4 अन्नपूर्णा योजना
यह योजना ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा कार्यान्वितकी जातीहै। 65 वर्ष या इससे अधिक उम्र केनि:शक्तवरिष्ठ
नागरिक,जिन्हेंराष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना (एनओएपीएस) केअंतर्गत
पेंशनप्राप्त नहींहो रही है,उन्हेंइस
योजना केअंतर्गत 10 किलोग्राम अनाज प्रति व्यक्ति प्रति माहनिशुल्क दिया जाता है। इस योजना केअंतर्गत
खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग द्वारा खाद्यान्नों का आबंटन बीपीएल दरों पर किया जाता है।
5 किशोरियों के लिए योजना[ पूर्व नाम राजीव गांधी किशोरी सशक्तीकरण योजना (आरजीएसईएजी) -‘सबला’]
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने 19.11.2010 को दो योजनाओं अर्थात किशोरियों के लिए पोषण कार्यक्रम (एनपीएजी) और किशोरी शक्ति योजना (केएसवाई) को एक एकल योजना में विलय करके सबला
योजना की शुरुआत की। इस योजना का लक्ष्य 11-18 वर्ष की किशोरियों के पौषण एवं स्वास्थ्य की स्थिति में सुधार करते हुए तथा विभिन्न दक्षताओं जैसे गृह दक्षता, जीवन दक्षता तथा
व्यवयासिक दक्षताओं को बढाते हुए किशोरियों का सशक्तीकर्ण करना एवं परिवार कल्याण,स्वास्थ्य सुरक्षा आदि के संबंध में जागृत करते हुए स्कूल छोड़ चुकी लड़कियों को औपचारिक अथवा
अनौपचारिक शिक्षा की मुख्य धारा में शामिल करना है। खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग द्वारा इस योजना मेंखाद्यान्नोंका आबंटन बीपीएल दरों परकिया
जाता हैं।